प्राचीन योग आसनों का अध्ययन : Yog Kya Hai | Yog Divas Kab Manaya Jata Hai
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प्राचीन योग आसनों का अध्ययन : Yog Kya Hai | Yog Divas Kab Manaya Jata Hai 1. प्रस्तावना 2. प्राचीन योग की उत्पत्ति और इतिहास 3. प्राचीन योग के अनुभवी गुरु 4. प्राचीन योग के महत्व 5. योग सूत्र: पतंजलि के योग सूत्र 6. आसन की महत्वता 7. प्राचीन योग आसनों के लाभ 8. प्राचीन योग आसनों की सही तकनीक 9. ध्यान का महत्व और प्रकार 10. प्राचीन योग के प्रमुख आसनों का अध्ययन - ताड़ासन (त्रिकोणासन) - वृक्षासन - भुजंगासन - पश्चिमोत्तानासन - सर्वांगासन - हलासन - शवासन - अनुलोम-विलोम प्राणायाम 11. प्राणायाम के विभिन्न प्रकार 12. योग के साथ आहार का महत्व 13. योग और संतुलित जीवनशैली 14. योग और मानसिक स्वास्थ्य 15. योग और आध्यात्मिकता 16. संक्षिप्त सारांश और समापन प्रस्तावना प्राचीन काल से ही योग एक महत्वपूर्ण ध्येय का हिस्सा रहा है। योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को भी संतुलित रखने में मदद करता है। प्राचीन योग आसनों के अध्ययन से हम अपने जीवन को स्वस्थ और संतुलित बनाने के लिए उपयुक्त मार्ग प्राप्त करते हैं। इस लेख